रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 सितंबर 2023 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन में भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर औपचारिक रूप से पहले C-295 MW परिवहन विमान को शामिल किया।
- सी-295 के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की मध्यम-लिफ्ट सामरिक क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- सी-295 बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है और यह एचएस-748 एवरो विमान की जगह लेगा।
- एयरबस सेविले में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से पहले 16 सी-295 विमानों को फ्लाई-अवे स्थिति में वितरित करने के लिए तैयार है, जबकि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स भारत में शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन करेगा।
- सभी C-295 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे।
- सी-295 को सामरिक परिवहन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम है, और भारी विमानों के लिए दुर्गम क्षेत्रों में रसद संचालन के लिए उपयुक्त है।
- रक्षा मंत्री ने दो दिवसीय भारत ड्रोन शक्ति-2023 कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया, जिसमें 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप और कंपनियों की भागीदारी है।
- भारत ड्रोन शक्ति-2023 का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने के भारत के लक्ष्य को बढ़ावा देना है और इसमें विभिन्न सरकारी विभागों, उद्योगों, सशस्त्र बलों और मित्र देशों की व्यापक भागीदारी की उम्मीद है।
प्रश्न: भारत में अधिकांश सी-295 विमानों का निर्माण और संयोजन कौन करेगा?
a) एयरबस
b) बोइंग
c) टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स
d) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
उत्तर: c) टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स