भारत की हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया

भारत की हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया

एक प्रमुख कृषि वैज्ञानिक और अक्सर भारत की हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एमएस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में 28 सितंबर, 2023 को चेन्नई में निधन हो गया।

  1. कृषि में योगदान: स्वामीनाथन ने 1960 के दशक के दौरान भारत के कृषि क्षेत्र में सामाजिक क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नीतियों ने भारत को अकाल जैसी स्थिति से बचाने में मदद की।
  2. फाउंडेशन: उन्होंने एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की, जो कृषि अनुसंधान और विकास पर केंद्रित था।
  3. उच्च उपज वाली गेहूं की किस्मों का विकास: उनका काम गेहूं की उच्च उपज वाली किस्म के बीजों के विकास में सहायक था, जो भारत में हरित क्रांति की सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक था।
  4. व्यावसायिक भूमिकाएँ: स्वामीनाथन ने कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, 1972 से 1980 तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक और 1982 से 1988 तक अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया।
  5. अंतर्राष्ट्रीय मान्यता: कृषि और पर्यावरण विज्ञान में उनके योगदान के लिए उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार, 1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार, 1991 में पर्यावरण उपलब्धि के लिए टायलर पुरस्कार और द प्लैनेट एंड शामिल हैं। 2000 में अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक संघ का मानवता पदक।
  6. राष्ट्रीय सम्मान: स्वामीनाथन को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

प्रश्न: एमएस स्वामीनाथन ने 1960 के दशक के दौरान भारत में किस क्षेत्र में सामाजिक क्रांति लायी?

a) शिक्षा
b) स्वास्थ्य देखभाल
c) कृषि
d) प्रौद्योगिकी

Answer: c) कृषि

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