पारसी नव वर्ष, जिसे नवरोज़ या नौरोज़ के नाम से जाना जाता है, गुजरात और महाराष्ट्र में भारतीय पारसी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह ‘शहंशाही’ कैलेंडर के अनुसार एक नए साल की शुरुआत का प्रतीक है और वसंत के पहले दिन ईरानी नव वर्ष के साथ मेल खाता है। इस साल पारसी नववर्ष 16 अगस्त 2023 को मनाया जा रहा है।
- इसका नाम प्रसिद्ध फ़ारसी राजा जमशेद के नाम पर जमशेद-ए-नौरोज़ रखा गया, जिन्होंने पारसी कैलेंडर की शुरुआत की थी।
- उत्सव में नए कपड़े पहनना, घरों को सजाना, अग्नि मंदिरों में जाना, प्रार्थना करना, शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करना और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेना शामिल है।
- पारसी नव वर्ष “नवरोज़ मुबारक” या “नया साल मुबारक” की शुभकामनाओं के साथ, विविध संस्कृतियों के बीच खुशी और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
प्रश्न: पारसी नव वर्ष किस कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है?
a) ग्रेगोरियन कैलेंडर
b) चंद्र कैलेंडर
c) शहंशाही कैलेंडर
d) हिजरी कैलेंडर
उत्तर: c) शहंशाही कैलेंडर