- नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह को सितंबर में संभावित प्रक्षेपण के लिए फरवरी 2023 के अंत में भारत भेजा जाएगा।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल ही में NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह को भारत भेजने से पहले अंतिम शक्ति परीक्षण की देखरेख के लिए कैलिफ़ोर्निया में NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) का दौरा किया।
- मिशन पृथ्वी की भूमि और बर्फ की सतहों का पहले से कहीं अधिक विस्तार से अध्ययन करने में मदद करेगा।
- एसयूवी के आकार का पेलोड बेंगलुरू में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के लिए 14,000 किलोमीटर की उड़ान के लिए एक विशेष कार्गो कंटेनर में ले जाया जाएगा।
‘एनआईएसएआर’ उपग्रह के बारे में :
- इसरो और नासा ने 2014 में 2,800 किलोग्राम वजनी उपग्रह बनाने के लिए हाथ मिलाया था।
- मार्च 2021 में, इसरो ने जेपीएल द्वारा निर्मित एल-बैंड पेलोड के साथ एकीकरण के लिए भारत में विकसित अपने एस-बैंड एसएआर पेलोड को नासा को भेजा।
- यह पृथ्वी और बदलती जलवायु को बेहतर ढंग से समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह पृथ्वी की पपड़ी, बर्फ की चादर और पारिस्थितिक तंत्र पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
- लॉन्च के लिए यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में एनआईएसएआर अंतरिक्ष यान को उपग्रह बस में एकीकृत किया जाएगा।