6 फरवरी 2024 को, लोकसभा ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पारित करके निष्पक्ष और न्यायपूर्ण सार्वजनिक परीक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया। इस विधेयक का उद्देश्य विभिन्न सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी और कदाचार के बड़े पैमाने पर मुद्दे पर अंकुश लगाना है। जिसमें NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाएं, यूपीएससी और एसएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाएं और अन्य बोर्ड परीक्षाएं शामिल हैं।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान:
- सख्त दंड: विधेयक में प्रश्न पत्र लीक करने, धोखाधड़ी के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने, उम्मीदवारों की नकल करने और ऐसी गतिविधियों को आयोजित करने या बढ़ावा देने जैसे अनुचित तरीकों में शामिल होने के लिए न्यूनतम तीन साल की कैद और ₹1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है।
- व्यापक कवरेज: इसमें न केवल छात्र और उम्मीदवार शामिल हैं, बल्कि परीक्षा अधिकारी, कोचिंग सेंटर और नकल की सुविधा में शामिल व्यक्ति या संगठन भी शामिल हैं।
- सुदृढ़ प्रवर्तन: विधेयक अधिकारियों को कदाचार को रोकने और जांच करने के लिए तलाशी लेने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त करने और संचार को बाधित करने का अधिकार देता है।
प्रश्न: सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक का मुख्य उद्देश्य है:
a) परीक्षा का कठिनाई स्तर बढ़ाएँ
b) सार्वजनिक परीक्षाओं की संख्या कम करें
c) निष्पक्ष सार्वजनिक परीक्षाएँ सुनिश्चित करना
d) सभी विषयों के लिए ऑनलाइन परीक्षा शुरू करें
उत्तर: सी) निष्पक्ष सार्वजनिक परीक्षाएँ सुनिश्चित करना