हिंदी लेखिका सूर्यबाला को उपन्यास कौन देस को वासी: वेणु की डायरी के लिए 34वें व्यास सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।

हिंदी लेखिका सूर्यबाला को उपन्यास कौन देस को वासी: वेणु की डायरी के लिए 34वें व्यास सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।

प्रख्यात हिंदी लेखिका सूर्यबाला को 2018 में प्रकाशित उनके उपन्यास कौन देस को वासी: वेणु की डायरी के लिए 34वें व्यास सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया है। केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 1991 में स्थापित यह पुरस्कार पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित उत्कृष्ट हिंदी साहित्यिक कृतियों को सम्मानित करता है। इसमें 4 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका शामिल है। चयन प्रख्यात साहित्यकार प्रो. रामजी तिवारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया गया था। 1943 में वाराणसी में जन्मी सूर्यबाला ने काशी विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी की है। अपने दशकों लंबे करियर में, उन्होंने उपन्यास, आत्मकथाएँ और बच्चों के साहित्य सहित 50 से अधिक किताबें लिखी हैं, जिनमें से कई को टीवी धारावाहिकों में रूपांतरित किया गया है। उनकी रचनाएँ अक्सर सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित होती हैं। कौन देश को वासी: वेणु की डायरी अमेरिका में प्रवास करने वाले भारतीय युवाओं के संघर्षों की पड़ताल करती है, सांस्कृतिक संघर्षों, आध्यात्मिक अलगाव और अपनी जड़ों से वियोग को संबोधित करती है। यह उपन्यास प्रवासी भारतीयों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों का एक प्रामाणिक प्रतिबिंब है, जिसमें व्यक्तिगत अनुभवों और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि का मिश्रण है।

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