अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक – 2023 8 अगस्त 2023 को संसद द्वारा पारित किया गया है। अंतर-सेवा संगठन का गठन तीन सेवाओं के बीच एकीकृत कामकाज को बढ़ाने के लिए किया जाता है। विधेयक का उद्देश्य सशस्त्र बलों में अनुशासन को मजबूत करना और मनोबल बढ़ाना है।
- यह विधेयक अंतर-सेवा संगठनों के ऑफिसर-इन-कमांड को उनकी सेवा की परवाह किए बिना, उनके अधीन सेवा कर्मियों पर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक नियंत्रण रखने का अधिकार देता है।
- यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित सेना, नौसेना और वायु सेना के नियमित कर्मियों के साथ-साथ अंतर-सेवा संगठनों से जुड़े अन्य बलों के व्यक्तियों पर भी लागू होता है।
- केंद्र सरकार तीन सेवाओं में से कम से कम दो के कर्मियों को शामिल करते हुए अंतर-सेवा संगठन स्थापित कर सकती है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई चुनौतियों से निपटने के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।
- अंतर-सेवा संगठनों के भीतर सेवा में भेदभाव किए बिना समय पर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक कार्रवाइयों की वकालत की जाती है।
- यह विधेयक प्रभावी आदेश, नियंत्रण और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए अंतर-सेवा संगठनों के प्रमुखों को बढ़ी हुई अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करता है।
प्रश्न: अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक – 2023 का प्राथमिक फोकस क्या है?
a) अंतर-सेवा प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना
b) सशस्त्र बलों में अनुशासन को मजबूत करना
c) सैन्य कर्मियों की भर्ती का विस्तार
d) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
उत्तर: b) सशस्त्र बलों में अनुशासन को मजबूत करना