गुरु रविदास जयंती उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, खास तौर पर पंजाब में, यह त्यौहार गुरु रविदास की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध संत और कवि थे। उन्हें भगत रविदास के नाम से भी जाना जाता है, वे भक्ति आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे और समानता, मानवाधिकार और भक्ति पर उनकी शिक्षाओं के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है।
गुरु रविदास का जन्म 1377 ई. में उत्तर प्रदेश के सीर गोवर्धनपुर गाँव में हुआ था। अपनी साधारण पृष्ठभूमि के बावजूद, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक सुधार और आध्यात्मिक ज्ञान के संदेशों को फैलाने के लिए समर्पित कर दिया। उनकी कविता गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल है, और उन्हें मीरा बाई ने आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में मान्यता दी थी।
यह त्यौहार माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 12 फरवरी, 2025 को है। भक्त गुरबानी गाकर, विशेष प्रार्थना करके और नगरकीर्तन (जुलूस) आयोजित करके जश्न मनाते हैं। वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर में एक भव्य उत्सव मनाया जाता है।