केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर 2024 को पीएम-ईबस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना को मंजूरी दे दी। वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2028-29 के बीच 38,000 से अधिक ई-बसें तैनात की जाएंगी, जिसमें 12 साल तक परिचालन समर्थन होगा।
इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की खरीद और संचालन में सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) की सहायता करना है। योजना का कुल वित्तीय परिव्यय ₹3,435.33 करोड़ है। पीटीए ज्यादातर डीजल या सीएनजी बसों का उपयोग करते हैं, जो प्रदूषण में योगदान करते हैं, जबकि ई-बसें साफ-सुथरी होती हैं, लेकिन उच्च प्रारंभिक लागत और कम राजस्व सृजन के कारण उन्हें अपनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
पीपीपी मॉडल: यह योजना सकल लागत अनुबंध (जीसीसी) ढांचे के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करने को प्रोत्साहित करती है, जिससे खरीद और संचालन की जिम्मेदारी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) या ऑपरेटरों पर स्थानांतरित हो जाती है।