इसरो ने 18 नवंबर 2024 को अमेरिका के केप कैनावेरल से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर अपने उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-20 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। 4,700 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह भारत के सबसे भारी उपग्रहों में से एक है और यह दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और यात्री विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा।
- स्पेसएक्स के साथ पहली बार सहयोग: इसरो ने अपनी वाणिज्यिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से जीसैट-20 को लॉन्च किया।
- स्पेसएक्स को चुनने का कारण: भारत का एलवीएम-3 रॉकेट, या “बाहुबली”, इतना भारी पेलोड नहीं ले जा सकता है, और फ्रांसीसी प्रदाता एरियनस्पेस के पास वर्तमान में परिचालन रॉकेट की कमी है। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 को चुना गया, जो 8.3 टन तक भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है।
- परिचालन जीवनकाल: जीसैट-20 14 वर्षों तक काम करेगा।
- उपग्रह की स्थिति: यह स्वस्थ है, और इसके सौर पैनल लगाए गए हैं।
यह उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बढ़ाने के इसरो के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।