केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 25 सितंबर 2023 को दिल्ली में भारत की पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाई।
- परियोजना के हिस्से के रूप में 2023 के अंत तक कुल 15 हरित हाइड्रोजन बसें चालू करने की योजना है।
- हरित हाइड्रोजन परियोजना की सफलता को भारत को जीवाश्म ऊर्जा के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा के शुद्ध निर्यातक बनने के संभावित साधन के रूप में देखा जाता है।
- हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन को कुछ ही मिनटों में फिर से भरा जा सकता है, जो आंतरिक दहन इंजन में जीवाश्म ईंधन भरने की गति के समान है।
- हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की परियोजना इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और टाटा मोटर्स के बीच एक सहयोग है।
- इंडियन ऑयल ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विशिष्ट मार्गों पर हरित हाइड्रोजन द्वारा संचालित 15 ईंधन सेल बसों का परिचालन परीक्षण शुरू किया है।
- इंडियन ऑयल ने सौर पीवी पैनलों का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित हरित हाइड्रोजन को ईंधन भरने के लिए फरीदाबाद में अपने अनुसंधान एवं विकास परिसर में एक अत्याधुनिक वितरण सुविधा स्थापित की है।
प्रश्न: हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की परियोजना पर किन दो संगठनों ने सहयोग किया?
a) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और टोयोटा
b) टाटा मोटर्स और हुंडई
c) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और टाटा मोटर्स
d) टाटा मोटर्स और सुजुकी
उत्तर: c) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और टाटा मोटर्स