इसरो को शुक्रयान मिशन के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। शुक्र की परिक्रमा करने वाला उपग्रह 2028 में लॉन्च किया जाएगा। इसरो के निदेशक नीलेश देसाई द्वारा घोषित इस मिशन से भारत की ग्रह अन्वेषण क्षमताएं बढ़ेंगी।
देसाई ने चंद्रयान 4 की योजनाओं का भी खुलासा किया। यह जापान के साथ एक सहयोगी मिशन है, जिसका लक्ष्य 2030 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सटीक लैंडिंग करना है। मंजूरी मिलने तक यह मिशन पूरा हो जाएगा। इस मिशन में 350 किलोग्राम वजन का एक भारी रोवर होगा, जो चंद्रयान 3 के रोवर से काफी बड़ा होगा।
इसरो मौसम पूर्वानुमान और संचार में सुधार के लिए अपनी इनसैट 4 श्रृंखला को आगे बढ़ा रहा है। इसमें मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान में वैश्विक तकनीकी मानकों से मेल खाने के लिए उन्नत सेंसर और उपग्रह शामिल किए जा रहे हैं।
भविष्य की योजनाओं में मंगल मिशन शामिल है, जिसमें कक्षीय और सतही अन्वेषण दोनों लक्ष्य होंगे। इसके अलावा, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम भी शामिल है। इसमें दो साल में मानव रहित उड़ान और उसके बाद मानवयुक्त मिशन की उम्मीद है।
भारत सरकार ने एक अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है, जिसका पहला मॉड्यूल 2028 में तैयार हो जाएगा तथा 2035 तक इसका पूर्ण निर्माण पूरा हो जाएगा। यह अंतरिक्ष स्टेशन भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए पारगमन केंद्र के रूप में काम करेगा, जो 2040 तक चंद्रमा पर उतरने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप होगा।