वीर बाल दिवस, 26 दिसंबर: बलिदान का स्मरण और युवा उपलब्धियों का जश्न

वीर बाल दिवस, 26 दिसंबर: बलिदान का स्मरण और युवा उपलब्धियों का जश्न

वीर बाल दिवस: हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है।

उद्देश्य: यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह, की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है।

ऐतिहासिक महत्व: 1704 में साहिबजादों को पकड़ लिया गया और उनके सिख धर्म को त्यागने का दबाव डाला गया। उन्होंने इनकार कर दिया और पंजाब के सिरहिंद में जीवित दीवार में चिनवा कर शहीद हो गए।

घोषणा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित किया था, ताकि उनके बलिदान को स्मरण किया जा सके।

2024 समारोह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के भारत मंडपम में इस आयोजन को संबोधित करेंगे और पूरे भारत में पोषण परिणामों को सुधारने के लिए सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली में सात श्रेणियों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 17 बच्चों को यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। ये बच्चे 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं।

श्रेणियां: कला और संस्कृति, वीरता, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, खेल और पर्यावरण।

पुरस्कार: प्रत्येक विजेता को एक पदक, प्रमाणपत्र और प्रशस्ति-पुस्तिका दी जाएगी।

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