भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। यह दिन संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसने पंचायती राज संस्थाओं की त्रि-स्तरीय प्रणाली की स्थापना की, जिसमें गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर निर्वाचित स्थानीय सरकारें शामिल थीं।
पंचायती राज व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को निर्णय लेने में भाग लेने और स्थानीय विकास की पहल करने के साधन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2023 को पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एक एकीकृत eGramSwaraj और GeM पोर्टल का उद्घाटन किया। eGramSwaraj मंच।
इतिहास: पंचायती राज व्यवस्था
पंचायती राज प्रणाली को पहली बार 2 अक्टूबर, 1959 को भारत में राजस्थान राज्य में पेश किया गया था। यह राजस्थान पंचायत अधिनियम के माध्यम से किया गया था, जिसने ग्राम पंचायतों, पंचायतों सहित राज्य में स्थानीय स्वशासन की त्रिस्तरीय प्रणाली की स्थापना की थी। समितियां, और जिला परिषदें। इस प्रणाली को बाद में भारत के अन्य राज्यों द्वारा अपनाया गया और संविधान (73वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 ने इसे भारत के प्रत्येक राज्य में पंचायती राज संस्थानों की स्थापना के लिए एक संवैधानिक जनादेश बना दिया।
प्रश्न: भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कब मनाया जाता है?
ए) 24 मार्च
बी) 24 अप्रैल
ग) 24 मई
डी) 24 जून
उत्तर: बी) 24 अप्रैल
प्रश्न: भारत में किस राज्य ने सबसे पहले पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की?
ए) महाराष्ट्र
बी) गुजरात
ग) राजस्थान
डी) पंजाब
उत्तर: ग) राजस्थान