भारत की मेट्रो प्रणाली ने शहरी यात्रा में क्रांति ला दी है, जो 11 राज्यों और 23 शहरों में 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक फैली हुई है, जिससे भारत चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है। यह मील का पत्थर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 जनवरी, 2025 को कई मेट्रो विकास परियोजनाओं के शुभारंभ के साथ हासिल किया गया।
शुरू की गई प्रमुख परियोजनाएँ:
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर: दिल्ली और मेरठ के बीच संपर्क बढ़ाने वाला 13 किलोमीटर का खंड।
रिठाला-कुंडली खंड: दिल्ली और हरियाणा के बीच संपर्क को मजबूत करने वाला 26.5 किलोमीटर का खंड।
इन परियोजनाओं से प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को सेवा मिलने की उम्मीद है, जो शहरी गतिशीलता पर मेट्रो विस्तार के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है।
ऐतिहासिक विकास:
1984: भारत में मेट्रो विकास की शुरुआत कोलकाता की पहली मेट्रो लाइन से हुई।
1995: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की स्थापना।
2002: DMRC ने अपना पहला मेट्रो कॉरिडोर खोला।
2011-2020: बेंगलुरु, चेन्नई और कोच्चि में मेट्रो सिस्टम का विकास।
हाल ही में हुई प्रगति:
अंडर-वाटर मेट्रो: 2024 में पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें कोलकाता में पहली अंडर-वाटर मेट्रो सुरंग होगी।
ड्राइवरलेस मेट्रो: 2020 में दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर लॉन्च की गई।
कोच्चि वाटर मेट्रो: 2021 में लॉन्च की गई, जो इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट का उपयोग करके कोच्चि के आसपास के द्वीपों को जोड़ेगी।