- भारत के चंद्रयान-3 मिशन का सफलतापूर्वक इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस/इलेक्ट्रो मैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी-ईएमआई/ईएमसी परीक्षण किया गया।
- इस परीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरिक्ष वातावरण में अपेक्षित विद्युत चुम्बकीय स्तरों के साथ उपग्रह प्रणाली ठीक से काम करती है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि उपग्रहों की तैयारी में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसरो ने 19 फरवरी को घोषणा की कि परीक्षण 31 जनवरी और 2 फरवरी के बीच बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में आयोजित किया गया था।
- इस परीक्षण के दौरान चंद्रयान के मिशन के लैंडिंग के बाद के चरण से जुड़े कई मुद्दों की जांच की गई।
- इनमें प्रक्षेपण क्षमता, सभी रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम के लिए एंटीना का ध्रुवीकरण, और लैंडर और रोवर की अनुकूलता सहित कई परीक्षण शामिल हैं।
- चंद्रयान-3 मिशन के 3 प्रमुख मॉड्यूल हैं- प्रणोदन, लैंडर और रोवर। इस ऑपरेशन की जटिलता इन मॉड्यूल के बीच रेडियो फ्रीक्वेंसी संचार लिंक की स्थापना से संबंधित है।
भारत का चंद्रमा मिशन: चंद्रयान-3 का ईएमआई/ईएमसी परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया।
