अबू धाबी में बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर ने महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में 14 फरवरी 2024 को अपनी मूर्तियों के अभिषेक का जश्न मनाया।
- यह समारोह वसंत पंचमी की शुभ सुबह को हुआ, जिसमें मंदिर के विभिन्न वर्गों में परब्रह्म श्री स्वामीनारायण भगवान की मुख्य मूर्ति और अन्य देवताओं की मूर्तियों की पूजा की गई।
- शाम को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक भव्य लॉन्च समारोह और सार्वजनिक समर्पण सभा की योजना बनाई गई है, जिसमें लाखों भारतीयों के शामिल होने की उम्मीद है।
- मंदिर का निर्माण संयुक्त अरब अमीरात के शासकों की उदारता से संभव हुआ, शेख मोहम्मद बिन जायद नाहयान ने “सहिष्णुता वर्ष” के दौरान इसके निर्माण के लिए भूमि का योगदान दिया।
- यह मंदिर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतरधार्मिक समझ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक है।
- अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर मध्य पूर्व में पहला पारंपरिक हिंदू पत्थर मंदिर है।
- प्रतिष्ठा समारोह 1907 में स्थापित बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के संस्थापक शास्त्रीजी महाराज की 159वीं जयंती के साथ मेल खाता है।
- संस्था ने 1997 से मंदिर की परिकल्पना की थी।
प्रश्न: अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर का क्या महत्व है?
a) यह मध्य पूर्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
b) यह मध्य पूर्व में पहला पारंपरिक हिंदू पत्थर मंदिर है।
c) यह एक आधुनिक वास्तुशिल्प चमत्कार है।
d) यह भारतीय समुदाय में एकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
उत्तर: b) यह मध्य पूर्व में पहला पारंपरिक हिंदू पत्थर मंदिर है।