टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भारत का पहला क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (IIT-बॉम्बे) के साथ साझेदारी की है। अगले दो वर्षों में, टीसीएस विशेषज्ञ उपकरण विकसित करने के लिए आईआईटी-बॉम्बे के डॉ. कस्तूरी साहा के साथ सहयोग करेंगे।
संभावित प्रभाव: क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर का लक्ष्य सेमीकंडक्टर चिप्स की जांच में सटीकता में सुधार करना, चिप विफलताओं को कम करना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना है।
अनुप्रयोग: संचार, कंप्यूटिंग, स्वास्थ्य सेवा, सैन्य प्रणाली, परिवहन और स्वच्छ ऊर्जा सहित विभिन्न उद्योगों में सेमीकंडक्टर चिप्स महत्वपूर्ण हैं।
तकनीकी नवाचार: उपकरण हीरे की संरचना में दोषों का उपयोग करेगा, जिन्हें नाइट्रोजन-वैकेंसी (एनवी) केंद्रों के रूप में जाना जाता है, जो अस्पतालों में एमआरआई के समान, गैर-आक्रामक और गैर-विनाशकारी रूप से अर्धचालक चिप्स को मैप करेगा।
प्रश्न: भारत का पहला क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर विकसित करने के लिए किन दो संगठनों ने साझेदारी की है?
a) इंफोसिस और आईआईटी-दिल्ली
b) टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और आईआईटी-बॉम्बे
c) विप्रो और आईआईटी-मद्रास
d) एचसीएल टेक्नोलॉजीज और आईआईटी-कानपुर
उत्तर: b) टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और आईआईटी-बॉम्बे