गृह मंत्रालय ने मुख्य रूप से मणिपुर में सक्रिय नौ मैतेई चरमपंथी संगठनों को पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संघ घोषित किया है। इन संगठनों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा, मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक शामिल हैं। प्रीपाक) और इसकी सशस्त्र शाखा, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी और इसकी सशस्त्र शाखा, कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति (कोरकॉम), और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक (एएसयूके)।
गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर 2023 को एक अधिसूचना में कहा कि ये मैतेई चरमपंथी संगठन भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जिसमें मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमला करना और उनकी हत्या करना शामिल है। केंद्र ने राय व्यक्त की कि इन संगठनों की गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं, जिनमें धन उगाही के लिए नागरिक आबादी को डराने-धमकाने, जबरन वसूली और लूटपाट की घटनाएं शामिल हैं।
प्रश्न: नौ मैतेई चरमपंथी संगठन मुख्य रूप से किस भारतीय राज्य में काम कर रहे हैं, जिसके कारण गृह मंत्रालय ने इन्हें गैरकानूनी घोषित कर दिया है?
(a) असम
(b) मणिपुर
(c) नगालैंड
(d) केरल
उत्तर : (b) मणिपुर