इसरो का आदित्य-एल1, भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला, 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगी। आदित्य एल1 मिशन का प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी57 है।
- आदित्य-एल1 को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर लैग्रेंज बिंदु एल1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
- प्रभामंडल कक्षा ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं से बाधा के बिना सौर गतिविधियों के निरंतर अवलोकन की अनुमति देती है।
- मिशन का लक्ष्य सौर हवाओं और सूर्य के वातावरण का अध्ययन करना है।
- आदित्य-एल1 सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और कोरोना का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा।
- यह अध्ययन कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, सौर फ्लेयर्स और इंटरप्लेनेटरी माध्यम गतिशीलता में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
प्रश्न: भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित सौर वेधशाला का क्या नाम है?
a) सनव्यू-1
b) सोलारिस मिशन
c)आदित्य-L1
d) हेलियोस्कैन-अल्फा
उत्तर: c)आदित्य-L1