- सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 26 अप्रैल को नई दिल्ली में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी समिति-इफको के तरल नैनो डीएपी यूरिया का शुभारंभ किया।
- सरकार भूमि संवर्धन के लिए नवाचार पर जोर दे रही है।
- तरल डीएपी भविष्य में उर्वरक के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम होगा जो देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।
- इससे यूरिया की लागत कम आएगी और किसानों की आय बढ़ेगी। इससे किसानों को जैविक खेती में भी मदद मिलेगी और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी निजात मिलेगी।
- फसल पर 500 एमएल नैनो डीएपी की एक बोतल का प्रभाव 45 किलोग्राम के दानेदार यूरिया के बैग के बराबर होता है।
- इफको ने देश में सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित 132 लाख मीट्रिक टन उर्वरक में से 90 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन किया है।
- देश में करीब 17 करोड़ नैनो यूरिया बोतल बनाने का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है।
- फरवरी 2021 में नैनो यूरिया के लॉन्च को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुमोदित किया गया था।
Qns : लिक्विड नैनो डीएपी यूरिया लॉन्च करने का उद्देश्य क्या है?
(A) यूरिया की कीमत बढ़ानी है
(B) किसानों की आय कम करने के लिए
(C) जैविक खेती को बढ़ावा देना
(D) लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के लिए
Ans : (C) जैविक खेती को बढ़ावा देना