- सरकार की योजना राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपग्रह-आधारित जीपीएस टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने की है।
- सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रणाली को लागू करने की घोषणा की।
- नई टोल संग्रह प्रणाली वाहन नंबर प्लेट पहचान का उपयोग करके सीधे बैंक खातों से टोल शुल्क काट लेगी।
- इसका उद्देश्य मौजूदा टोल प्लाजा को खत्म करना, राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा सुविधा में सुधार करना है।
- आठ करोड़ तेरह लाख से अधिक फास्ट टैग जारी किए गए हैं, जिनका दैनिक संग्रह औसतन 170 से 180 करोड़ रुपये के बीच है।
- उपग्रह-आधारित प्रणाली से दक्षता बढ़ने और टोल संग्रह प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित होने की उम्मीद है।
प्रश्न: सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रहण के लिए कौन सी तकनीक लागू करने की योजना बना रही है?
a) आरएफआईडी प्रौद्योगिकी
b) सैटेलाइट आधारित जीपीएस
c) चेहरे की पहचान
d) क्यूआर कोड स्कैनिंग
उत्तर: b) सैटेलाइट आधारित जीपीएस
प्रश्न: राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रहण की नई प्रणाली के तहत टोल शुल्क कैसे काटा जाएगा?
a) टोल बूथों पर नकद भुगतान
b) मोबाइल वॉलेट लेनदेन
c) बैंक खातों से सीधे कटौती
d) टोल टिकट मैन्युअल रूप से जारी किए जाते हैं
उत्तर: c) बैंक खातों से सीधे कटौती