विनोद गनात्रा को फिल्मों में उनके योगदान के लिए ‘नेल्सन मंडेला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ मिला

विनोद गनात्रा फिल्मों में अपने योगदान के लिए दक्षिण अफ्रीका से प्रतिष्ठित ‘नेल्सन मंडेला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। बच्चों के सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें 7वें नेल्सन मंडेला बाल फिल्म महोत्सव में पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

गनात्रा ने 36 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं, जिसमें उनके बच्चों के कार्यक्रम ‘बैंगन राजा’ के लिए दूरदर्शन का ‘जानकीनाथ गौड़ पुरस्कार’ भी शामिल है। वह अपनी गुजराती फिल्म ‘हारुन -अरुण’ के लिए शिकागो में ‘लिव उल्मन शांति पुरस्कार’ प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय फिल्म निर्माता हैं।’

गनात्रा ने पिछले तीन दशकों में 100 से अधिक राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की जूरी में काम किया है। उन्होंने 400 से अधिक वृत्तचित्रों और न्यूज़रीलों का संपादन और निर्देशन किया है। उन्होंने बच्चों और युवाओं के लिए 25 बहुभाषी टेलीविजन कार्यक्रमों का निर्माण किया है।

प्रश्न: फिल्मों में उनके योगदान के लिए दक्षिण अफ्रीका से प्रतिष्ठित ‘नेल्सन मंडेला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ पाने वाले पहले भारतीय कौन हैं?

a) सत्यजीत रे
b) विनोद गणात्रा
c) मीरा नायर
d) श्याम बेनेगल

उत्तर: b) विनोद गनात्रा

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