गौरैया की घटती आबादी और इसके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में सार्वजनिक ज्ञान बढ़ाने के लिए हर साल 20 मार्च को यह दिन मनाया जाता है। यह अवसर लोगों को गौरैया की रक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होने और कार्रवाई करने का अवसर प्रदान करता है।
नेशनल जूलॉजिकल पार्क ने बर्ड फीडर बनाने, गौरैयों के महत्व का वर्णन करने वाली एक फिल्म की प्रस्तुति और चिड़ियाघर की यात्रा जैसी गतिविधियों का आयोजन करके इस कार्यक्रम का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में बटरफ्लाई नामक स्वयंसेवी संस्था के 50 विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतिभागियों ने बांस का उपयोग कर पक्षियों के लिए एक फीडर तैयार किया। युवाओं में प्रकृति के प्रति आश्चर्य और प्रशंसा की भावना पैदा करने के उद्देश्य से चिड़ियाघर की यात्रा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
थीम :
2023 विश्व गौरैया दिवस का विषय है, “मुझे गौरैया से प्यार है”, गौरैया के संरक्षण में व्यक्तियों और समुदायों की भूमिका पर जोर देता है।
दिन का इतिहास:
पहला विश्व गौरैया दिवस 2010 को आयोजित किया गया था और तब से इसे प्रतिवर्ष मनाया जाता है। मोहम्मद दिलावर ने गौरैया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए द नेचर फॉरएवर सोसाइटी की स्थापना की।