- ऊर्जा मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय डीकार्बोनाइजेशन के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित करेंगे।
- सरकार कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों के व्यापार के माध्यम से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करके भारतीय अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के उद्देश्य से एक भारतीय कार्बन बाजार विकसित करने की योजना बना रही है।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, ऊर्जा मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय के साथ मिलकर इस उद्देश्य के लिए एक कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित कर रहा है।
- मान्यता प्राप्त ऊर्जा लेखा परीक्षकों, कार्बन/ऊर्जा सत्यापनकर्ताओं और क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित प्रमुख हितधारकों के प्रतिभागियों के साथ 11 मई को नई दिल्ली में एक दिवसीय हितधारक परामर्श आयोजित किया गया था।
- भारत अपने महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जलवायु कार्रवाई में सबसे आगे रहा है। निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था में संक्रमण को तेज करके, भारतीय कार्बन बाजार 2005 के स्तर के सापेक्ष 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के एनडीसी लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।
प्रश्न: भारत में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित करने का उद्देश्य क्या है?
(A) नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को कम करने के लिए
(B) ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की कीमत के लिए
(C) नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को कम करने के लिए
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (B) ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की कीमत के लिए